


Immunity Wellness

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Shudhneeldhara
Supports De-addiction Naturally
Balances Vata, Pitta & Kapha
100% Ayurvedic & Natural
Purely Herbal & Chemical-Free
Improves Male Wellness
Enhances Mental Health
Supports Women's Health
Treats Common Ailments

Established in 2007, we are a leading manufacturer and supplier of ayurvedic and herbal products . Our vision is to enhance the quality of life by making Ayurvedic and Herbal healthcare product ensuring 100% customer satisfaction. The manufacturing unit is GMP certified by Ayush department Govt. of India. We have a well-equipped laboratory for R&D to test the products maintained by our quality control department.

We have crafted a special Ayurvedic Herbal Masala made from over 20 powerful herbs and spices, designed to help individuals quit all forms of harmful addictions such as cigarettes, gutkha, zarda, and paan masala.
100% natural and free from nicotine, tobacco, supari (areca nut), and catechu (kattha), this masala not only supports de-addiction but also boosts overall wellness by balancing Vata, Pitta, and Kapha.
Regular use of this masala may help cleanse the system of harmful toxins, reduce cravings, and rejuvenate internal organs, especially the lungs, liver, and heart. Whether you’re dealing with physical weakness, mental stress, or lifestyle-related health concerns, this formula offers a time-tested, side-effect-free solution rooted in centuries of Ayurvedic wisdom.
- Supports quitting smoking, tobacco, and paan masala
- Improves sexual health and sperm count
- Reduces fatigue, dizziness, and general weakness
- Relieves mental stress, anxiety, and insomnia
- Regulates irregular periods in women
- Helps with liver health and cholesterol
शुद्धनीलधारा हर्बल मसाला — नशे से आज़ादी का स्वाद, सेहत का साथ हर बार!
नशे को छोडने में बहुत सहायक है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह हर्बल मसाला 20 से अधिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और मसालों को मिला कर तैयार किया है। 100% नेचुरल है, इसमें कोई निकोटिन नहीं है, कोई कत्था नहीं है, कोई तंबाकू नहीं है और कोई सुपारी नहीं हैं। बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, तम्बाकू, गुटका, पान मसाला से पूरी तरह छुटकारा।
वात, पित्त और कफ को संतुलित बनाए रखने में सहायक व इसके अलावा अन्य बहुत प्रकार की बीमारियों में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है जैसे:-
पुरुषों में सेक्स की समस्या, वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, थकावट, चक्कर आना, शारीरिक दुर्बलता, मानसिक कमजोरी, मानसिक तनाव, स्मरण शक्ति की कमी, नींद नहीं आना, महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म की समस्या, लीवर की परेशानी, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, दांतों की बीमारी, मुंह से बदबू आना, दिल से संबंधित समस्या, ब्लड प्रेशर की समस्या, मधुमेह (शुगर), सिरदर्द, खून की कमी होना, पेट में गैस की समस्या, कब्ज, ज्वॉईट पेन इत्यादि में फायदा मिलता है।
सेवन करने की विधि :-
1. जब भी नशा करने की तलब लगे तो 1 चम्मच हर्बल मसाला ले कर उसे चबा चबा कर उसका रस लार के साथ अंदर लेते जाना हैं, जब रस खत्म हो जाए तो थूकना नहीं है थोड़े से पानी के साथ निगल जाना हैं।
2. जो नशा नहीं करते हैं वह भी अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए भोजन करने के बाद एक चम्मच जरूर ले सकते हैं यह पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम भी करेगा
3. इसे दूध वाली चाय में चाय मसाले या बिना दूध के केवल पानी के साथ हर्बल चाय के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


जड़ी-बूटियों और मसालों का खज़ाना — जो बढ़ाए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, दे मन को सुकून और बनाए सेहत को चमकदार, हर दिन प्रकृति के स्पर्श से!

Betel leaves (पान पत्ते)
पान के पत्ते (Betel Leaves) औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं जो पाचन को सुधारने, भूख बढ़ाने और मुँह की दुर्गंध दूर करने में सहायक हैं। इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं और घाव भरने में मदद करते हैं। पान के पत्ते सांस संबंधी समस्याओं, सर्दी-खांसी और गले की खराश में भी राहत देते हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करने और मुंह की सफाई में भी उपयोगी माने जाते हैं।

Mulethi (मुलेठी)
मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह गले की खराश और खांसी में आराम देता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और बीमारियों को दूर करते हैं। मुलेठी में मौजूद गुणों से तनाव कम होता है जिससे मानसिक स्थिति नियंत्रित करने, अनिद्रा, चिंता, और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

Coriander pulses (धनिया दाल)
धनिया दाल (Coriander Pulses) एक स्वादिष्ट और औषधीय मसाला है जो पाचन क्रिया को सुधारने, गैस और अपच को दूर करने में सहायक होती है। यह पेट को ठंडक देती है, भूख बढ़ाती है और एसिडिटी में राहत देती है। धनिया दाल में एंटीऑक्सिडेंट और डिटॉक्स गुण होते हैं जो शरीर को शुद्ध करने और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। यह मसालेदार खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में भी उपयोगी होती है।

Asparagus (शतावरी)
शतावरी (Asparagus) एक पोषक तत्वों से भरपूर औषधीय पौधा है जो विशेष रूप से महिलाओं के हार्मोन संतुलन, प्रजनन स्वास्थ्य और स्तन दुग्धवृद्धि में सहायक माना जाता है। यह पाचन को सुधारता है, इम्युनिटी बढ़ाता है और मानसिक तनाव को कम करता है। शतावरी में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करने, ऊर्जा बढ़ाने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

Dry Ginger (सौंठ)
सौंठ के विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, आयरन, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व होते हैं। सौंठ में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। सौंठ पाचन तंत्र स्वास्थ्य रखता है, भूख बढ़ाता है, पेट की समस्याओं को शांत करता है और शरीर को ऊर्जा और जोश से स्वस्थ्य बनाकर रखता है।

Fennel (सौंफ)
सौंफ (Fennel Seeds) एक औषधीय गुणों से भरपूर मसाला है जो पाचन सुधारने, मुँह की बदबू दूर करने, वज़न घटाने और मासिक धर्म में राहत देने में सहायक है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने, सांस संबंधी समस्याओं में आराम देने और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में भी मदद करती है। सौंफ एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखती है।

Rose leaves (गुलाब पत्ती)
गुलाब की पत्तियों में विटामिन सी, बी, और के, आयरन, कैल्शियम और कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गुलाब की पत्तियों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मौखिक रोग में सुधार करते हैं एवं इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। गुलाब पत्तियों में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, मैंगनीज, क्लोरीन, सल्फर, जिंक और कॉपर जैसे खनिज पदार्थ भी पाए जाते हैं।

Basil leaves (तुलसी पत्ती)
तुलसी के पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। तुलसी के पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। तुलसी शरीर में शीतलता और ठंडक प्रदान करता है, जिससे शांति और स्फूर्ति मिलती है। यह शरीर में से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है। तुलसी की पत्तियों में फ्लेवोनोइड्स और फिनोलिक एसिड होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। यह श्वसन तंत्र को साफ करता है, ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। तुलसी ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।

Ajwain (अजवाइन)
अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे सूजन और दर्द से राहत मिलती है। अजवाइन एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर होने के कारण यह शरीर में एंटी एजिंग प्रोसेस को धीमा करता है और त्वचा चमकदार बनती है।

Cardamom (इलायची दाना)
इलायची स्वादिष्ट होती है और पाचन तंत्र स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। इसका सेवन शरीर की गंध को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है। इलायची में मौजूद तत्व पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, मेंटल स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। मेंटल स्ट्रेस को कम करती है और सांस की बदबू को दूर करती है। इसके अलावा, इलायची मूसर्रस के संक्रमण को कम करने और दिल की सेहत सुधारने में भी सहायक होती है।

Cinnamon (दालचीनी)
दालचीनी (Cinnamon) एक सुगंधित मसाला है जो स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, वजन घटाने, और दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसके एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इम्युनिटी बढ़ाते हैं और शरीर में सूजन को कम करते हैं। दालचीनी पाचन सुधारती है, संक्रमण से बचाती है और सर्दी-खांसी में भी राहत देती है।

Shitalchini Kababchini (शीतलचीनी कबाबचीनी)
शीतलचिनी, जिसे कबाबचीनी भी कहा जाता है, एक सुगंधित औषधीय मसाला है जो खासतौर पर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने, गैस व अपच को दूर करने और भूख बढ़ाने में सहायक है। यह गले की खराश, खांसी और सर्दी में राहत देती है, साथ ही मुँह की दुर्गंध हटाने और सांस को ताज़ा रखने में भी मदद करती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण से लड़ने और इम्युनिटी बढ़ाने में उपयोगी होते हैं।

Javitri (जावित्री)
जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इन गुणों की वजह से यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है। यह स्किन पर भी असर डालता है और स्किन हेल्दी रहती है। जावित्री में पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह बदहजमी, ब्लोटिंग और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। जावित्री से ब्लड डिटॉक्स होता है।

Jayfal (जायफल)
जायफल में फायबर होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है और गैस, दस्त, और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। जायफल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और शरीर को डैमेज होने से बचाते हैं। जायफल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह की बदबू को दूर करने में मदद करते हैं। जायफल के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण स्वास्थ्य बनाए रखते हैं। यह मानसिक स्थिति सुधारने में भी सहायक होता है। जायफल में पाए जाने वाले मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन और मैगनीज जैसे मिनरल्स से हड्डियाँ मजबूत होती हैं। यह हार्ट संबंधी बीमारियों से भी बचाता है।

Clove (लौंग)
लौंग में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं। लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं और ओरल हेल्थ को बेहतर बनाते हैं। लौंग पेट के पाचन में भी सहायक होता है और पाचन क्रिया को मजबूत करता है। लौंग में फाइबर होता है जो पाचन को सुधारने में मदद करता है। लौंग में पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक और मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। लौंग से शरीर में हड्डियां मजबूत बनती हैं और खून का संचार बेहतर होता है। लौंग का सेवन शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। लौंग में यूजेनॉल नामक तत्व होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को घटाता है।


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